कीजिए अपने किचन का कायाकल्प
ऊषा विनोद तिवारी
एक समय था, जब घर में किचन को सबसे कम महत्व दिया जाता था। घर के सबसे पिछले हिस्से में छोटा-सा किचन बना दिया और काम खत्म...। उसके लुक को लेकर कभी ध्यान नहीं दिया जाता था। तब रसोईघर के मायने बस कुछ पीतल, तांबे या कांसे के बर्तन ही हुआ करते थे। जरा याद कीजिए वह दौर जब घर की महिलाओं का अधिकांश समय किचन में चूल्हा फूंकते-फूंकते ही गुजरता था। मसाला, अनाज आदि वस्तुएं भी घर में घट्टी पर या फिर सिलबट्टे पर पीसकर उपयोग में लाई जाती थीं। सब्जी, फल जैसी वस्तुओं को स्टोर करके रखने की कोई व्यवस्था नहीं थी। धीरे-धीरे बदलाव का दौर प्रारंभ हुआ। घर के दूसरे कमरों के साथ-साथ किचन पर भी ध्यान दिया जाने लगा औऱ शुरूआत हुई मिट्टी के चूल्हों के स्थान पर गैस स्टोव्ह से। इसके आने के बाद तो कुकिंग का पूरा स्टाइल ही बदल गया। यानी सीटिंग की जगह स्टैंडिंग हो गया किचन। यह थी आधुनिक किचन कंसेप्ट की शुरूआत। वर्तमान में किचन की दुनिया आधुनिकता के रंग में रंगी हुई स्पष्ट नजर आती है। एक तो किचन अप्लायंसेस की बाढ़ आई हुई है, दूसरे आज इसके लुक और ट्रेंड पर ग्लोबल दुनिया का असर भी पड़ा है। कहते हैं खाना बनाते समय माहौल का खुशनुमा होना आवश्यक होता है और इस कंसेप्ट पर आजकल के मॉडर्न किचन पूरी तरह से फिट बैठते हैं। मॉडर्न किचन को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि इसमें काम करना और सामान रखना ज्यादा सुविधाजनक हो। इनमें किचन रैक, केबिनेट वर्क टॉप, नॉब्स, चिमनी, एक्जॉस्ट फैन, डिशवॉशर सबकुछ शामिल हैं। जिन्हें आप अपनी जरूरत और एरिया के अनुसार अदल-बदल कर सकती हैं। इस किचन का प्रत्येक सेट विविध मटेरियल और रंगों में उपलब्ध होता है। इसकी खासियत यह है कि इसमें स्टोरेज-स्पेस, इज़ी टू यूज़ और मेंटेनेंस जैसी बातों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। पिछले दिनों एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी ने किचन की लेटेस्ट तकनीक को भारत में लांच किया, इसकी खासियत है मैट लेक्योर ग्लास फिनिश वाले काउंटर टॉप। जिस पर कटिंग और चॉपिंग भी की जा सकती है, इस पर निशान नहीं पड़ते हैं और गर्म बर्तन भी रखे जा सकते हैं।